गुर्दे में पथरी क्यों होती है? इसके कारण क्या है?

गुर्दे में पथरी क्यों होती है? इसके कारण क्या है?

गुर्दे में पथरी होना एक सामान्य समस्या हो गई है, जो लगभग दुनिया की 5 प्रतिशत आबादी को प्रभावित कर रही है। गुर्दे की पथरी एक कठोर वस्तु की तरह होती है, यह तब बनती है जब पेशाब में उपस्थित रासायनिक पदार्थों की सांद्रता उनके निश्चित स्तर से अधिक हो जाती हैं, यानि बहुत कम तरल में बहुत अधिक रासायनिक पदार्थ होते हैं। गुर्दे की पथरी का आकार हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है, यह बहुत छोटा होने से लेकर इतना बड़ा हो सकता है कि वे गुर्दे के भीतरी खोखले हिस्सों को पूरी तरह से भर देता है। गुर्दे की पथरी मूत्र में पाए जाने वाले रसायनों के जमा होने से बनती है और इसके कारण व्यक्ति को पेट में तेज दर्द हो सकता है। आजकल गुर्दे की पथरी के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन यदि स्थिति का जल्दी पता और इलाज नहीं किया जाये तो व्यक्ति को गंभीर जटिलताओं का सामना कर पड़ सकता हैं।

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क्यों होती है गुर्दे में पथरी

अगर आप बार-बार गुर्दे की पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो हो सकता है कि आप उन अंतर्निहित समस्याओं का प्रबंधन न कर रहे हों, जिनकी वजह से पहली बार में ये समस्या हुई थी और अगर आपको पहले भी पथरी हो चुकी है, तो भविष्य में फिर से पथरी होने का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आपके पथरी का कारण मोटापा या आहार संबंधी समस्याएँ (बहुत ज़्यादा एनिमल प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ, ज़्यादा ऑक्सालेट- नट्स, फलों, सब्ज़ियों और अनाज में पाए जाने वाले यौगिक- या कम कैल्शियम) हैं और आप समस्याओं को प्रबंधित करने के लिए बदलाव नहीं करते हैं, तो उनके वापस आने की संभावना है। गाउट, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सिस्टिक फाइब्रोसिस, सूजन आंत्र रोग और पैराथाइरॉइड रोग सहित कई बीमारियाँ भी किडनी स्टोन का कारण बन सकती हैं और जब तक उनका ठीक से इलाज नहीं किया जाता, वे बार-बार पथरी होने की संभावना को भी बढ़ा सकती हैं।
आमतौर पर गुर्दे की पथरी किडनी में ही बनती है, वे यूरिनरी ट्रैक के अन्य क्षेत्रों में भी जा सकती हैं। वे गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में भी उपस्थित हो सकती हैं। कई मामलों में, पथरी किडनी से मूत्रवाहिनी में चली जाती है, यह वह नलिका होती है जो गुर्दे को मूत्राशय से जोड़ती हैं। कई बार पथरी मूत्रवाहिनी से होकर मूत्राशय में चली जाती है, और मूत्र के साथ उत्सर्जित हो सकती है। वही दूसरी तरफ़, अगर स्टोन मूत्रवाहिनी में फंस जाता है, तो यह मूत्र के प्रवाह को बाधित करने का कारण बन सकता है और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को पेट में कष्टदायी दर्द होता है, इसके साथ-साथ व्यक्ति मूत्र में रक्त (हेमट्यूरिया), मूत्र संक्रमण भी महसूस कर सकता है और यदि पथरी लंबे समय तक मूत्रवाहिनी में रुकावट पैदा कर रही है, तो यह यूरिनरी सिस्टम में अपरिवर्तनीय रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अतिरिक्त ये कारण भी निम्न है-

  • कम मात्रा में पानी पीना इसका एक मुख्य कारण है।
  • यूरीन में केमिकल की अधिकता
  • शरीर में मिनरल्स की कमी
  • डिहाइड्रेशन
  • विटामिन डी की अधिकता
  • जंक फूड का अति सेवन

    लक्षण
  • पीठ की तरफ और पसलियों के ठीक नीचे तेज दर्द
  • पेट के निचले हिस्से और ग्रोइन एरिया में तेज दर्द
  • दर्द लहरों की तरह आता महसूस होता है जो बीच-बीच में बहुत तेज हो जाता है
  • पेशाब करते समय जलन महसूस होना

    अन्य लक्षण
  • मूत्र त्याग के समय दर्द
  • पीठ के निचले हिस्से, पेट में दर्द और ऐंठन
  • मूत्र में रक्त आना
  • जी मिचलाना और उल्टी आना
  • दुर्गन्धयुक्त पेशाब
  • बार-बार पेशाब आना परंतु खुलकर पेशाब न आना
  • बुखार, पसीना निकलना आदि लाल, भूरा या गुलाबी मूत्र
  • बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
  • बुखार और ठंड लगना
  • कम मात्रा में पेशाब आना
  • अगर गुर्दे की पथरी आकार में छोटा होता है तो दर्द का अनुभव नहीं होता है और कई बार ये पेशाब के साथ शरीर से अपने आप बाहर निकल जाता है।

    कारण
  • आवश्यकता से कम पानी का सेवन करना।
  • वजन का तेजी से बढ़ना
  • आवश्यकता से ज्यादा प्रोटीन का सेवन
  • किडनी स्टोन का फैमिली हिस्ट्री
  • यूरिक एसिड के स्तर का बढ़ना
  • शुगर या सोडियम का ज्यादा सेवन
  • कैल्शियम दवाओं का ज्यादा सेवन
  • गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी होना

    घरेलू इलाज
  • पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी का सेवन बहुत जरूरी है। यह विषाक्त पदार्थों सहित किडनी स्टोन को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। ऐसे में सामान्य तौर पर 7 से 8 ग्लास पानी पीना बहुत जरूरी होता है।
  • अनार में मौजूद पोटैशियम आपके शरीर में बनने वाले मिनरल क्रिसटल्सको को रोकता है, जिसके कारण पथरी का निर्माण होता है। यह आपके यूरिन में एसिड लेवल को भी सही रखता है।
  • सेब का सिरका किडनी स्टोन के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार है। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड गुर्दे की पथरी को छोटे कणों में तोड़ने और घोलने की प्रक्रिया में मदद करता है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और किडनी को साफ करने में भी मदद करता है।
  • गुर्दे की पथरी के घरेलू उपचार में ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। यह किडनी में कैल्शियम के जमावट को हटाने में मदद करती है और ऑक्सालेट उत्सर्जन को कम करने में सहायता करती है। ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन आपके यूरिन को बनने में मदद करते हैं।

    उपाय
  • ऐसे व्यक्ति जो कैल्शियम ऑक्जालेट गुर्दे की पथरी से पीड़ित होते है उन्हें ऑक्जालेट से भरपूर आहार नहीं लेने चाहिये। ऐसे आहार हैं- मूंगफली, पालक, चुकन्दर, शीशम के बीज, चॉकलेट, जिमीकंद।
  • अधिक मात्रा में प्रोटीन न लें।
  • सोडियम की अधिक मात्रा न लें। जंक फूड, डिब्बा बंद खाना और नमक के बहुत अधिक सेवन से बचें।
  • पालक, साबुत अनाज आदि में ऑक्सलेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन न करें।
  • टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से स्टोन की समस्या बढ़ जाती है। अधिक से अधिक पानी पिएँ और कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड स्टोन के खतरे को और बढ़ाता है।
  • शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ने न दें इसलिये मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।

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यशोदा हेल्थकेयर

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