कैंसर: कारण, लक्षण एवं निवारण – यशोदा हॉस्पिटल

कैंसर: कारण, लक्षण एवं निवारण – यशोदा हॉस्पिटल
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आज के समय में कैंसर एक सामान्य रोग हो गया है। हर भारतीय में से एक को कैंसर होने की संभावना है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। परन्तु अगर रोग का निदान व उपचार प्रारम्भिक अवस्थाओं में किया जाए तो इस रोग का पूर्ण उपचार संभव है कैंसर का सर्वोतम उपचार बचाव है। अगर इंसान अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करने को तैयार हो तो 60% मामलो में कैंसर होने के पहले ही रोका जा सकता है।

कैंसर से जुड़े कुछ आकड़े:

क्या आप जानते है? विश्व में कुल 2 करोड़ लोग कैंसर ग्रस्त हैं – इनमें हर वर्ष 90 लाख व्यक्ति और जुड़ जाते हैं। हर वर्ष अनुमानित 40 लाख व्यक्तियों की कैंसर के कारण मृत्यु हो जाती है। भारत में हर एक लाख की जनसँख्या पर 70 से 80 व्यक्ति कैंसर से पीड़ित हो जाते हैं – इस तरह हमारे देश में लगभग एक लाख से अधिक व्यक्ति हर वर्ष कैंसर पीड़ित होते हैं। भारत में कैंसर से मरने वाले व्यक्तियों में 34% लोग धूम्रपान/ तम्बाकू के सेवन करने वाले होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विकासशील देशों में कैंसर के कारण होने वाली मृत्‍युओं की संख्या 25 लाख से बढ़कर 65 लाख होने की संभावना है।

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कैंसर के कुछ प्रारम्भिक लक्षण:

  • शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर, जो न भरे।
  • लंबे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गॉंठ या सूजन।
  • स्तनों में गॉंठ होना या रिसाव होना।
  • मल, मूत्र, उल्टीऔर थूंक में खून आना।
  • आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन, लंबे समय तक लगातार खॉंसी।
  • पहले से बनी गॉंठ, मस्सों व तिल का अचानक तेजी से बढ़ना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गॉंठ के आस-पास नयी गांठो का उभरना।
  • बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी।
  • औरतों में – स्तन में गॉंठ, योनी से अस्वाभाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच व यौन संबंधों के तुरंत बाद तथा 40-45 वर्ष की उर्म में महावारी बंद हो जाने के बाद खून बहना।

कैंसर होने के संभावित कारण:

  • धूम्रपान, सिगरेट या बीड़ी का सेवन (इससे मुंह, गले, फेफड़े, पेट और मूत्राशय का कैंसर होता है)।
  • तंबाकू, पान, सुपारी, पान मसाले, एवं गुटके का सेवन (इससे मुंह, जीभ, खाने की नली, पेट, गले, गुर्दे और अग्नाशय का कैंसर होता है)।
  • शराब का सेवन (इससे श्वास-नली, भोजन-नली, और तालु का कैंसर होता है)।
  • धीमी आचॅं व धूंए में पका भोजन (स्मोक्ड) और अधिक नमक लगा कर संरक्षित भोजन, तले हुए भोजन और कम प्राकृतिक रेशों वाले भोजन (रिफाइंड) का सेवन (इससे बड़ी आंतो का कैंसर होता है)।
  • कुछ रसायन और दवाइयाँ (इससे पेट, यकृत (लिवर) और मूत्राशय का कैंसर होता है)।
  • लगातार और बार-बार घाव पैदा करने वाली परिस्थितियां (इससे त्वचा, जीभ, होंठ, गुर्दे, पित्ताशय और मुत्राशय का कैंसर होता है)।
  • कम उम्र में यौन संबंध और अनेक पुरूषों से यौन संबंध बनाने से बच्चेदानी के मुंह का कैंसर होता है।

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कुछ आम तौर पर पाये जाने वाले कैंसर:

  • पुरूषः मूंह, गला, फेफड़े, भोजन नली, पेट और पुरूष ग्रंथि (प्रोस्टेट)
  • महिलाः बच्चेदानी के मुंह, स्तन, मुंह, गला, ओवरी

कैंसर के कारण और कैंसर से बचाव:

  • कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जो अधिकतर मामलों में जानलेवा होती है। इसका मुख्य कारण अव्यवस्थित और अस्वस्थ जीवनशैली, जिसमें तंबाकू खाना, अल्कोहल की अधिक सेवन, अनियमित आहार और प्रदूषण शामिल हैं। इसके अलावा, ऊर्जा की खाप से भी लोगों को कैंसर हो सकता है – जैसे: अत्यधिक सूर्य की किरणें, अनधिकृत धूप, जल, और गैसों का नियमित संपर्क।
  • कैंसर के कुछ प्रमुख कारणों में से एक है धूम्रपान। तंबाकू में मौजूद निकोटीन, तंबाकू तत्वों, और कई अन्य कैमिकल्स की मौजूदगी से कैंसर को बढ़ावा मिलता है। धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों, मुंह, गले, या पूरे शरीर में कैंसर के मामले अधिक होते हैं।
  • अल्कोहल का अत्यधिक सेवन भी कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। अल्कोहल के सेवन से लिवर और पेट कैंसर के जोखिम में वृद्धि होती है।
  • अनियमित और अस्वस्थ आहार लेना भी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। ज्यादा गरम, तली हुई, और अत्यधिक तेल युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। इसके बजाय, सेहतप्रद आहार जैसे: फल, सब्जियां, अनाज, और पर्याप्त पानी की मात्रा के साथ खाना कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है।
  • प्रदूषण भी कैंसर का मुख्य कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, वायु प्रदूषण के कारण लंग कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। अनियमित और बेहतर प्रबंधित उपयोग और नियंत्रण में विकसित और विशेषज्ञों द्वारा नियंत्रित करने के बिना, वायु प्रदूषण का सामना करना कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
  • कैंसर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो हमें अपनाने चाहिए। पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात, हमें स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली अपनानी चाहिए। नियमित व्यायाम, सही आहार, और तंबाकू और अल्कोहल की पूरी तरह से छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए।

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कैंसर से बचाव के उपाय:

  • धूम्रपान, तंबाकू, सुपारी, चना, पान-मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन न करें।
  • विटामिन युक्त और रेशे वाला ( हरी सब्ज़ी, फल, अनाज, दालें) पौष्टिक भोजन खायें।
  • कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायणों से युक्त भोजन धोकर खायें।
  • अधिक तले, भुने, बार-बार गर्म किये तेल में बने और अधिक नमक में सरंक्षित भोजन न खायें।
  • अपना वजन सामान्य रखें।
  • नियमित व्‍यायाम करें – नियमित जीवन बितायें।
  • साफ-सुथरे, प्रदूषण रहित वातावरण की रचना करने में योगदान दें।
  • प्रारम्भिक अवस्था में कैंसर के निदान के लिए निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान दें।
  • मूंह में सफेद दाग या बार-बार होने वाले घाव।
  • शरीर में किसी भी अंग या हिस्से में गांठ होने पर तुरंत जांच करवायें।
  • महिलायें माहवारी के बाद हर महीने स्तनों की जॉंच स्वयं करें; स्तनों की जॉंच स्वयं करने का तरीका चिकित्सक से सीखें।
  • दो माहवारी के बीच या माहवारी बंद होने के बाद रक्तस्राव होना खतरे की निशानी है – पैप टेस्ट करवायें।
  • शरीर में या स्वास्थ्य में किसी भी असामान्य परिवर्तन को अधिक समय तक न पनपने दें।
  • नियमित रूप से जॉंच कराते रहें और अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
  • याद रहे – प्रारम्भिक अवस्था में निदान होने पर ही संपूर्ण उपचार संभव है।

मिलिए श्रेष्ठतम ब्रैस्ट कैंसर स्पेशलिस्ट से:

डॉ. (सर्ज लेफ्टिनेंट कमांडर) अनुश्री वर्तक एक प्रमुख स्तन कैंसर और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जन के रूप में यशोदा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और कैंसर संस्थान, गाजियाबाद में कार्यरत हैं। व्यापक प्रशिक्षण और कैंसर जागरूकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, डॉ. वर्तक यशोदा ब्रेस्ट क्लिनिक का नेतृत्व करती हैं, जो स्तन कैंसर के रोगियों के लिए व्यक्तिगत, बहु-विषयक देखभाल की पेशकश करती है।

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यशोदा अस्पताल गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली एनसीआर में सर्वश्रेष्ठ सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक है। यशोदा हॉस्पिटल का लक्ष्य सिर्फ दिल्ली एनसीआर, गाजियाबाद और नोएडा में ही नहीं बल्कि पूरे देश में सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल होने के नाते, यशोदा अस्पताल में एक ही छत के नीचे सभी समर्पित विशिष्टताएँ हैं- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, सामान्य सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, कार्डियोलॉजी, पल्मोनोलॉजी और आंतरिक चिकित्सा, आर्थोपेडिक्स, मूत्रविज्ञान और कई अन्य।

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